BIOS क्या होता है, BIOS Full Form क्या होता है, BIOS के प्रमुख कार्य, बायोस (BIOS) सेटअप का तरीका क्या है. इन सभी के बारे में जानने से पहले जानते है की computer में Bios क्या होता है- BIOS का फुल फॉर्म बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम होता है. और Bios को कंप्यूटर की भाषा में System BIOS या PC BIOS के नाम से भी जाना जाता है.
BIOS कंप्यूटर या लैपटॉप का एक Primarry programm या Firmware software होता है. कंप्यूटर को start करते ही BIOS मदरबोर्ड पर लगे सभी chips को Pre Loaded करता है जिससे कंप्यूटर On हो सके. यह ROM (Read Only Memory), Power Logic का Instructions, Basic System Driver को चेक करता है. इसके अलावे यह RAM, Processor, Key Board, और Hard Disk को Configur करता है.
इस पोस्ट में “BIOS Full Form” से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करेंगे| इसके साथ ही BIOS क्या है, bios क्या है, इसके प्रकार, आविष्कार, कार्य, BIOS सेटअप सेटिंग, BIOS Keys,बायोस अपडेट कैसे करें, और “BIOS के बारे में” स्पष्ट जानकारी मिलेगी । यदि आप “ बायस क्या होता है” से जुडी सभी सवालो की विस्तृत जानकारी चाहते है, तो कृपया इस आर्टिकल के साथ बने रहें.
What is BIOS Hindi me
आसान भाषा में समझे तो, बायोस कंप्यूटर को On कराने के लिए बनाया गया है. यानी या operating system को Boot करता है. दरअसल कंप्यूटर स्टार्ट करने की प्रक्रिया से पहले BIOS कंप्यूटर में लगे सभी Peripheral Device जैसे- Ram, Rom, Hard Disk, Fan Keyboard, Mouse, wi-fi card, internet card, Graphic Card, Printer की स्थिति को चेक करता है और इस process को POST (Power On Self Test) कहा जाता है. post की process के लिए Motherboard, RAM, Processor, BIOS तथा SMPS या Power supply का सही होना जरूरी है.
यदि यह सभी Peripheral Device सही तरह से कार्य कर रही होती है तो कंप्यूटर on हो जाता है, और यदि इस डिवाइस में कोई प्रॉब्लम होती है तो Error Message के साथ एक Beep Code की आवाज़ आती है. यह Error Message यह बताता है की आपका कंप्यूटर से जुड़ा कोई device कम नहीं कर कर रहा है
Bois कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को बूट करने का काम करता है, इसमे Motherboard Manufacturer Company के द्वारा Instructions, Information तथा Driver को install किया जाता है. इसे समय समय पर update भी करना होता है, कोई भी computer user इसके बेसिक कण्ट्रोल को change कर सकता है.
हलाकि बायोस के सारे काम होते है जैसे –
- System Hardware की Information को स्टोर रखना.
- PC से जुडी सभी component को check करना
- System को एक Sequence में On करवाना.
- System के Hardware में Fault आने पर Error को दिखाना
- Operating System से Booting process को पूरा करना.
- computer System को Safty और Protection के साथ On करना
Full-Form of Bios in computer | Basic input output System |
बायोस का फुल फॉर्म | बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम |
Category | Computing » General Computing |
BIOS क्या है – What is BIOS full form in Hindi?
BIOS का पूरा नाम Basic input output System होता है और हिंदी में इसे बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम के नाम से जाना जाता है| यह एक प्रकार का farmware या सॉफ्टवेर होता है जो computer के on होने पर Power On Self Test की मदद से यह सुनिश्चित करता है की कंप्यूटर सिस्टम से जुड़े सारे हार्डवेयर component काम करने में सक्षम है या नहीं| हार्डवेयर component की स्थिति सुनिश्चित करने के बाद ही कंप्यूटर सिस्टम on होता है|
यदि आसान शब्दों में समझे तो, कंप्यूटर on होने के क्रम में आपके कंप्यूटर में लगे मोक्रोप्रोससर को यह पता होना जरूरी है की आपके कंप्यूटर device के साथ कौन- कौन से component जुड़े है| परन्तु इस काम को आपके कंप्यूटर मोक्रोप्रोससर यह बूटिंग प्रोसेस check करने लगे तो उसे काफ़ी ज्यादा समय लगेगा और आपका कंप्यूटर on होने का प्रोसेस काफ़ी लम्बा हो जायेगा|
और इसी Booting process को check करने के लिए एक सॉफ्टवेर बनाया गया जिसे बायोस (BIOS) नाम दिया गया| और यह आपके कंप्यूटर सिस्टम के सभी input और output devices का व्योरा रखता है| और कंप्यूटर on होने के क्रम में Input Device और Output Devices को check करता है की वह आपस में कनेक्ट है या नहीं| और फिर इस डाटा को बायोस कंप्यूटर में लगे मोक्रोप्रोससर को भेजता है, और आपका कंप्यूटर on होता है|
अब BIOS का फुल फॉर्म पढ़कर समझ गयें होंगे की “BIOS Kya hota hai”. तो चलिए अब BIOS से सम्बन्धित अन्य जानकारीयो के बारे में जानते है|
कंप्यूटर में BIOS कहाँ होता है? (Where is the BIOS Stored in computer?)
चूकी BIOS मदरबोर्ड की एक प्रमुख इकाई है| इसलिए यह computer mother-board पर लगी EEPROM यानी Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory या फ्लैश-मेमोरी में संग्रहीत लगा होता है| चूकी यह एक non-volatile memory होता है| इसलिए BIOS के इकाई को आप आसानी से Update या Rewrite किया जा सकता है|
BIOS का आविष्कार किसने किया
BIOS को विकसित करने वाले पहले व्यक्ति गैरी किल्डल ने किया था| और इसका उपयोग 1974 में pc के मदरबोर्ड में किया जाने लगा|
BIOS कितने प्रकार के होते है (types of bios in hindi)
मुख्यतः BIOS दो प्रकार के होते है| दोनों एक दुसरे से किस प्रकार अलग है आइये जानते है|
UEFI BIOS क्या है?
UEFI BIOS का फुल फॉर्म Unified Extensible Firmware Interface Bios होता है. इस UEFI BIOS का उपयोग आज कल के आधुनिक कंप्यूटर में किया जा रहा है| UEFI BIOS की मुख्य बात यह है की वह 2.2TB या उससे अधिक storage क्षमता वाली drives को भी नियंत्रण कर सकती है|
Legacy BIOS क्या है?
Legacy BIOS का उपयोग पुराने मदरबोर्ड या कम storage क्षमता वाली drives को भी नियंत्रण करने के लिये किया जाता है| यह बायोस system 2.1TB से कम storage क्षमता वाली drives को भी नियंत्रण कर सकती है|
बायोस के मुख्य कार्य क्या है (Main Function of BIOS)
BIOS की कार्यक्षमता को चार महत्वपूर्ण भागो में विभाजित किया गया है|
POST(Power On Self Test) करना
Power On Self Test आपके पीसी के हार्डवेयर का परीक्षण करता है| साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि आपके ऑपरेटिंग सिस्टम में कोई त्रुटि तो नहीं है| इस दौरान यह प्रोसेसर, मेमोरी, चिपसेट, वीडियो, एडाप्टर, डिस्क नियंत्रक, डिस्क ड्राइव, कीबोर्ड इत्यादि को भी check करता है और यह इनफार्मेशन माइक्रो प्रोसेसर को देता है| और यदि कोई त्रुटी होने पर यह एक बीप की आवाज़ में संकेत देता है|
CMOS setup को चेक करना
यह सिस्टम-टाइम और हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन को save करता है| साथ ही CMOS सेटअप आपके पासवर्ड, समय और दिनांक को भी चेक करता है| और कंप्यूटर में सही time और date को manage करता है|
Bootstrap loader को चेक करना
बायोस के प्रमुख कार्यो में से एक Bootstrap loader का कार्य है| और ये Bootstrap loader सक्षम ऑपरेटिंग सिस्टम स्थिती का पता लगाती है| BIOS एक BOOTABLE माध्यम ढूंढता है| bootable माध्यम को रीड करके जरूरी फाइल्स को RAM मे load करता है| ये सभी प्रक्रिया background में ही चलती है और सभी डाटा को प्रोसेसर प्रोसेस करके कंप्यूटर को on करता है|
BIOS drivers सेटअप करना
कंप्यूटर हार्डवेयर के basic operational फंक्शन को control करने वाले Low-level drivers को नियंत्रित करने का भी कार्य करती है|
BIOS सेटअप सेटिंग क्या होता है,
BIOS सेटअप एक प्रकार का प्रोग्राम या सॉफ्टवेर है| जिसकी मदद से हम अपनी कंप्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर सेटिंग्स को configure कर सकते है| अक्सर इसे CMOS सेटअप के नाम से भी जाना जाता है| BIOS सेटअप सेटिंग की Help से हम निम्नलिखित प्रकार के hardware setting को configure कर सकते है जैसे:-
- Loading of the BIOS Setup Default
- Changing the booting order
- Creation or deletion of the BIOS Password
- Setting or Changing the Date and Time
- Changing Floppy Disc, Hard Drive or CD/DVD Settings
- Check Memory Installed status
- Enabling or Disabling the Computer Logo
- Enabling or Disable the Quick POST
- Enable or Disable the CPU Internal Cache
- Enable or Disable the Caching of BIOS
- Change CPU Settings
- Change Memory Settings
- Change System Voltages
- Enable or Disable RAID
- Enable or Disable Onboard USB,
- Enable or Disable Audio ports and serial/ parallel Ports
- Enable or Disable Onboard Floppy Controller
- Enable or Disable ACPI
- Change the Boot Up NumLock Status
- Change the Advanced Configuration and Power Interface (ACPI) Type
- Change the Power Button Function
- Change Power-on Settings
- Change Which Display is Initialized First on Multi-Display Setups
- Reset Extended System Configuration Data (ESCD)
- Enable or Disable BIOS Control of System Resources
- Change and view Fan Speed Settings
- View CPU and System Temperatures
- View System Voltages
बायोस सेटिंग को ओपन कैसे करें? How to open BIOS setting?
चूकी बायोस hardware setting को configure करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए BIOS setting को एक्सेस करने का तरीका हमें अवश्य मालूम होना चाहिए| bios को access करने के लिए कुछ Special Shortcut Key या Function Key Combinations का उपयोग किया जाता है| अक्सर कई Motherboard Manufacturer Company के अनुसार ये Key Combinations अलग अलग हो सकते है| “bios full form in computer” के इस post में हम सभी company के bios Key Combinations को जानेगे:
बायोस सेटिंग को ओपन करने के स्टेप्स
- सबसे पहले आपके system में BIOS को ओपन करने के लिए कौन सा Key है उसे देख ले
- System को Restart करें या Shut Down करे और On करे
- अब जैसे ही सिस्टम ऑन होने की आधी process पर हो उसी समय BIOS Key को press करते रहे
- कुछ ही सेकंड में BIOS Setting खुल जाएगी
- और आप इसमे आसानी से Basic change या इस बायोस को update कर सकते है.
BIOS Keys by Manufacturer
जैसे ही आप अपने Manufacturer BIOS Keys के अनुसार windows के start होने से पहले ही Hot key को press करके आप कंप्यूटर की BIOS setting को open कर सकते है|
Acer | F2 or DEL |
ASRock | F2 or DEL |
ASUS | F2 for all PCs, F2 or DEL for motherboards |
Dell | F2 or F12 |
ECS | DEL |
Gigabyte | F2 or DEL |
HP | ESC or F10 |
Lenovo | F2 or Fn + F2 |
Lenovo (Desktops) | F1 |
Lenovo (Desktops) | F1 |
Lenovo (ThinkPads) | Enter + F1. |
Microsoft Surface Tablets | Press and hold the volume up button. |
MSI | DEL for motherboards and PCs |
Origin PC | F2 |
Samsung | F2 |
Sony | F1, F2, F3 |
Toshiba | F2 |
Zotac | DEL |
यदि आप आपके कंप्यूटर की ये Key Combinations काम नहीं करती है या आप ये Key Combinations को press नही कर पाए और आपका windows on हो जाता है तब भी आप Bios setting को open कर सकते है इसे लिए आप निम्नलिखित steps को फॉलो कर सकते है:
- सबसे पहले ‘Settings पर जाए
- ‘Update & security‘ पर click करे
- ‘Recovery‘ पर click करे
- Choose ‘Restart now‘ पर click करे
- कंप्यूटर के restarts, होने के बाद
- menu से ‘Troubleshoot‘ पर click करे
- ‘Advanced options‘ पर click करे
- ‘UEFI Firmware Settings‘ को चुने
और यदि आप Linux और Ubuntu OS का उपयोग कर रहे है और आप BIOS setting open करना चाहते है तो आप command prompt पर “sudo systemctl reboot –firmware” टाइप करके BIOS को open किया जा सकता है|
Bios को अपडेट कैसे करें? (How to Update BIOS in Hindi)
हमारा कंप्यूटर भविष्य में आने वाले नए सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर function को अच्छी तरह से operate करने के लिए BIOS का Update होना ज़रूरी है| BIOS के Update होने से PC में अतिरिक्त फंक्शन जुड़ जाते है| साथ ही कंप्यूटर की Errors और Bugs भी ख़त्म हो जाते है|
आप अपने Bios को अपडेट करने के लिए Motherboard manufacturers की official website पर जा कर BIOS update Download कर सकते है| जैसे:- HP, Dell, Intel, Gigabyte इत्यादि
बायोस को रीसेट कैसे करते है? | full form of bios in hindi
कई बार बायोस की सेटिंग जाने अनजाने में गड़बड़ हो जाती है और सिस्टम को बूट करने में समस्या उत्पन्न होने लगती है| और हमें परेशानियों का सामना करना पढ़ता है ऐसी स्थिति में आप अपने BIOS सेटिंग को डिफ़ॉल्ट रीसेट (Reset BIOS) कर सकते हैं। इसके लिए निचे कुछ steps दिए गए है जीसी मदद से आप “Bios reset” कर सकते है|
- सबसे पहले कंप्यूटर के पॉवर बटन को 10 सेकंड के लिए दबाकर रखें| अब तक आप कंप्यूटर पूरी तरह बंद ना हो जाए
- अब कंप्यूटर को रीस्टार्ट करें
- अपने कंप्यूटर की BIOS key को दबाये
- “Restore Defaults” विकल्प को चुने
- अब F10 key को दबाएं
- अब सभी परिवर्तनों को save करने के लिए Enter key को दबाएं
- अंत में BIOS स्क्रीन से बाहर निकलें।
- अब आपकी Bios setting reset हो चूकी है|
full form of bios में आपने क्या सिखा
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे की BIOS एक हार्डवेयर हैं या सॉफ्टवेयर? या hardware को oprate करने वाला एक Software है. और यह मदरबोर्ड के ऊपर Flash Memory Chip पर inbuild होता है. हमें उम्मीद है की BIOS क्या होता है, BIOS Full Form क्या होता है, BIOS के प्रमुख कार्य के बारे में पढ़कर आपको बहुत सारी जानकारी मिली होगी.
इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, हमें उम्मीद है, की आपको यह लेख BIOS full form in computer आपको जरूर पसंद आया होगा|
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