दुनिया में कई सारे ऐसा आविष्कार और theory की खोज की गई जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया किसी एक थ्योरी में अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रसिद्ध थ्योरी E=mc2 भी थी, आपको यह जानकर हैरानी होगी, कि इस छोटे से दिखने वाले समीकरण के कारण दुनिया के कई सारे रहस्यों पर से पर्दा उठा और कई सारे आविष्कार भी किए गए.
लेकिन आज भी कई लोगों को यह नहीं पता है, कि E=mc2 का मतलब क्या होता है. (E=mc2 meaning in hindi) और इसका क्या उपयोग है, तो चलिए आज के इस पोस्ट में हम e=mc2 theory in hindi को विस्तार में समझते है. यदि इस पोस्ट को अपने ध्यान से पढ़ा तो आपको भी E=mc2 का मतलब आसान भाषा में समझ में आ जाएगा
quantum physics को समझना तब तक बहुत ज्यादा मुश्किल है. जब तक कि आप E=mc2 आइंस्टीन का सिद्धांत को ना समझ ले. इस formulas को स्पेशल Theory of relativity के नाम से प्रकाशित किया था पूरी दुनिया में उनका काफी मजाक उड़ाया गया क्योंकि लोग पहले ऐसा समझते थे
दुनिया के सभी वैज्ञानिक और लोग यही समझते थे की केवल Wave के Form में Travel करने तरंग जैसे Light Wave, Sound Wave, gama Rays ही Energy का रूप है. लेकिन Einstein की यह थ्योरी ने यह साबित किया की हमारे आसपास वह सारी चीजें जिसका अपना Mass (द्रव्यमान) है. उन सभी चीजों में Energy है.
आइंस्टाइन के अनुसार हमारे आसपास मौजूद सभी चीजों कोई यदि हम Energy में Convert करें मतलब यदि हम किसी Book को Heat Energy में Convert करें तो इससे जो Heat Generate होगा, उसे हम e=mc2 के Formule से Calculate कर सकते है.
E=mc2 आइंस्टीन का सिद्धांत क्या है. | E=mc2 theory in hindi
E=mc2 का full form E = Energy. m = Mass. c = Speed of light X 2 होता है. सन 1905 मे Albert Einstein के द्वारा इस छोटे से फार्मूले का आविष्कार किया गया जिसे सापेक्षता का सिद्धांत यानी theory of relativity के नाम से जाना गया, इस समीकरण के आविष्कार ने विज्ञान के क्षेत्र में कई काम और सिद्धांत को आसान बना दिया
E = एक वस्तु की ऊर्जा है.
M = वस्तु का द्रव्यमान है. और
C = वैक्यूम में प्रकाश की गति है.।उदाहरण के लिए , यदि हम एक 2 Gram बिस्किट का टुकड़ा है. और उसे आइंस्टीन की थ्योरी के अनुसार Energy में Convert करते है. आइए इसे e=mc2 के प्रयोग से समझते है.
m = 2gram, c = 3 × 108 m/s तो
ऊर्जा e=mc2
E = 2 × (3 × 108)2 जूल
E = 2 × 9 ×1016 जूल
E = 18 × 1016 जूल होगा।
मतलब 2 Gram के छोटे से बिस्किट के टुकड़े को यदि एनर्जी में बदला जाए तो उससे कितनी एनर्जी Generate होगी इसे पता करने के लिए हम आइंस्टाइन के बताए गए. e=mc2 समीकरण का प्रयोग कर सकते है. ठीक इसी प्रकार हम किसी भी परमाणु से निकलने वाली ऊर्जा का भी सटीक मान प्राप्त कर सकते है.
E=mc2 के बारे में हम सब ने कई बार पड़ा है. और इसके बारे में सुना भी है. लेकिन, आइंस्टाइन की इस theory of relativity को आज हम बहुत ही आसान भाषा में समझेंगे
हमारे किताबों में पढ़ाया गए. concept के अनुसार Mass और Energy दो अलग-अलग चीजें है. लेकिन Albert Einstein के अनुसार Mass और Energy दोनों एक ही चीज है. आइंस्टाइन के अनुसार Mass और Energy एक ही चीज है. या एक ही चीज के दो अलग-अलग Form है. अब आप भी सोच रहे होंगे कि यहां Albert Einstein गलत है. लेकिन ऐसा नहीं है.
आइंस्टाइन के अनुसार हम कभी भी Mass को Energy मे और Energy को Mass मे कभी भी बदला जा सकता है. मतलब Mass और Energy दोनों आपस में interchangeable है. चलिए इसे एक उदाहरण से समझते है.
मान लीजिए, एक पेंसिल है. पेंसिल का अपना Mass है. अब हमेशा मान लेते है, कि इस पेंसिल को हम किसी Energy में Convert करना चाहते है. लेकिन यह आमतौर पर संभव नहीं है. लेकिन पृथ्वी से बाहर ऐसा संभव हो सकता है. क्योंकि पेंसिल के Mass को Energy में Convert करने के लिए इस पर बहुत ज्यादा temperature और pressure की जरूरत होगी जो पृथ्वी पर संभव नहीं है.
मतलब यदि हमें उस सीमा तक temperature और pressure मिले जिस सीमा पर Mass, Energy मे Convert हो जाए, तो यह मुमकिन है, कि किसी भी तरह मान वाली वस्तु को हम किसी भी Energy में Convert कर सकते है.
अब हम वापस आइंस्टाइन के theory of relativity पर आते है., जो हमें एक सूत्र देता है. जो E=mc2 है. क्या समीकरण हमें बताती है, कि- यदि हमारे पास कोई ऐसी वस्तु है. जिसके पास अपना खुद का Mass है, तो उसे हम कितनी Energy में Convert कर सकते है, तो हम उसे mc2 Energy में convert कर सकते है. इस समीकरण में C = Speed of light है.
इसका दूसरा मतलब यह भी निकलता है, कि यदि हमारे पास कोई वस्तु स्थिर अवस्था में है. जिसका द्रव्यमान M है, तो उसके पास mc2 स्थिर ऊर्जा (Rest Energy) विद्यमान होगी. जिसे वह अलग अलग ऊर्जा के Form जैसे Heat, Light, Sound मे convert कर सकता है.
E=mc2 का सीधा मतलब यही है. की Mass को Energy मे और Energy को Mass बदला जा सकता है. आइंस्टीन के सापेक्षता का सिद्धांत बताता है, कि किसी भी वास्तु के कुल द्रव्यमान (Mass) को यदि प्रकाश की गति के वर्ग से गुणा किया जाए तो उस इकाई की कुल ऊर्जा मालूम की जा सकती है.
इस समीकरण के खोज होने से पहले कई वैज्ञानिकों को यही लगता था कि Mass और Energy को आपस में बदला नहीं जा सकता है. लेकिन आज के समय में इस सापेक्षता के सिद्धांत का उपयोग नाभिक के अंदर ऊर्जा हॉर्स और ऊर्जा उत्पादन जानने के लिए किया जाता है. वैसे यह सूत्र प्रत्येक द्रव्यमान को ऊर्जा में बदल सकता है.।
E=mc2 proof in hindi
अगर हम सूर्य और परमाणु बम पर एक नजर डालें तो दोनों में भारी उर्जा देखने को मिलती है. अब सोचने वाली बात यह है, कि सूर्य और परमाणु बम में इतनी ऊर्जा कहां से आती है? जो कभी खत्म नहीं होती है. कुछ समय पहले इस सवाल का जवाब हमारे पास नहीं था लेकिन Theory of relativity की खोज के बाद हमारे पास एक जवाब है.
Theory of relativity के अनुसार nuclear fusion के दौरान जब हाइड्रोजन परमाणु हीलियम परमाणु में बदलते है, तो हाइड्रोजन परमाणु के 0.7% स्थाई Energy प्रकाश ऊर्जा और ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाती है. ठीक इसी प्रकार परमाणु बम में भी यही क्रिया होती है. इसी theory को follow करके कई सारे परमाणु एक ही बार एक ही समय में प्रकाश और ऊष्मा में बदलते है. जिसके कारण सूर्य से हमें गर्मी और प्रकाश मिलती है. और परमाणु बम तबाही मचाता है. और इस तरह E=mc2 के लिए सत्यापन होता है.
आइंस्टाइन E=mc2 समीकरण में c का मतलब क्या है.?
हमने एक उदाहरण और एक समीकरण सूत्र से e=mc2 proof होते देखा लेकिन अब पास एक और सवाल होगा कि E=mc2 समीकरण में c का क्या मतलब है, तो चलिए इसे भी विस्तार से समझते है.
जब भी हम Mass को Energy मे Covert करते है, तो जो भी Energy Release होती है. वह हमेशा Light की Speed से Travel करते है. इस Light की Speed 3X108 m/s होते है. यदि हम Pure Energy की बात करें तो यह Electromagnetic Wave होती है. सभी Electromagnetic Wave 3X108 m/s की Speed से Travel करते है. और आइंस्टाइन के द्वारा खोज की गई E=mc2 समीकरण में C का मतलब Light of Speed है.
e=mc2 का प्रयोग क्यों किया जाता है.
अब आप Theory of relativity के बारे में सब कुछ समझ चुके है. लेकिन एक सवाल अभी भी आता है, कि Albert Einstein के द्वारा खोज की गई E = mc2 का इस्तेमाल रोजाना की जिंदगी में कैसे होता है. या E = mc2 का क्या प्रयोग है. (what is emc2 used for)
चलिए इससे जुड़े हम एक उदाहरण को देखते है. जिसे समझने के बाद आप यह जान जाएंगे कि किसी तरह छोटे से Mass वाले किसी भी वस्तु को यदि हम Energy में Convert कर दे तो उसे से कितनी ऊर्जा तैयार होगी और उसका उपयोग हम कहां कर सकते है.
उदाहरण के लिए , यदि हम एक 12KG का लोहे का टुकड़ा लेते है. और उसे आइंस्टीन की थ्योरी के अनुसार Energy में Convert करते है, तो उसमें से लगभग 108 × 1016 जूल की Energy बनेगी आइए इसे e=mc2 के प्रयोग से समझते है.
m = 12kg, c = 3 × 108 m/s तो
ऊर्जा e=mc2
E = 12 × (3 × 108)2 जूल
E = 12 × 9 ×1016 जूल
E = 108 × 1016 जूल होगा।
मतलब यदि हम 12 केजी लोहे के टुकड़े को Energy में बदले तो हमें 108 × 1016 जूल Energy प्राप्त होगी जो लगभग 216000 Kilotons TNT (Trinitrotoluene) जितना ऊर्जा निकलेगा. अब आप अंदाजा लगा सकते है, कि एक सेफ्टी पिन जितने द्रव्यमान वाले किसी Object को Energy में बदलकर पूरा शहर को बर्बाद किया जा सकता है. लेकिन वर्तमान समय में हमारे पास ऐसा कोई तरीका नहीं है. जिससे किसी द्रव्यमान वाले वस्तु को Energy में बदला जा सके.
सापेक्षता का सिद्धांत E=mc2 का इतिहास और दैनिक जीवन में प्रयोग
Theory Of Relativity को 2 भागों में बांटा गया,
1. Special Theory Of Relativity
Special Theory Of Relativity को 1905 में आइंस्टाइन के द्वारा प्रस्तुत किया गया, इसका कुछ हिस्सा गैलीलियो गैलेली के द्वारा तैयार किया गया
2. General Theory Of Relativity
जनरल Theory of relativity 1905 के 10 साल बाद 1915 में Albert Einstein के द्वारा प्रस्तुत किया गया, इन दोनों Theory में कई सारे अंतर है. special theory of relativity, inertial of reference के आधार पर काम करता है. मतलब ब्रह्मांड में कोई भी वस्तु uniform motion में गति करता है, तब वहां special theory of relativity काम करता है. लेकिन इसमें कई सारे विवाद भी है. जो कि Light की Speed को लेकर है. की Light की Speed Constant होती है.
लेकिन जनरल Theory of relativity non-inertial, frame of reference पर आधारित है. मतलब यह accelerated motion पर Based है. इसके अनुसार space time, black hole, और gravitational force के Theory पर आधारित है.
Special Theory Of Relativity क्या है.
Special Theory Of Relativity की कहानी 300 B.C से शुरू होती है. उस समय एक Greek Philosopher Aristotle ने बताया कि एक बारी और एक हल्की वस्तु को किसी ऊंचाई से गिराया जाए तो भारी वस्तु जमीन पर तेजी से गिरेगी. मतलब जितना भारी वस्तु वह उतना ही तेजी से और वजन के साथ गिरेगा.
यह थ्योरी 2000 सालों तक काफी चलन में रहा लेकिन 1600 A.D मे इटली के एक वैज्ञानिक गैलीलियो ने अपनी एक थ्योरी के अनुसार बताया कि हल्की और भारी दोनों वस्तुएं पृथ्वी पर एक समान त्वरण से गिरता है. और आज से लगभग 400 साल पहले सर आइज़क न्यूटन नाम के एक वैज्ञानिक ने सेब के पेड़ से गिरते हुए सेव कों देखकर एक Gravity की खोज की, जिसे आज के समय में Theory of Gravitational Force के नाम से जाना जाता है.
न्यूटन के अनुसार ब्रह्मांड में सभी घूमती हुई चीजें अपनी Gravity के साथ एक दूसरे को खींच रही है, इसे ही हम गुरुत्वाकर्षण कहते है. इसी Force के कारण है. पृथ्वी पर आसानी से चल पाते है. लेकिन बाहरी ब्रह्मांड में Gravity ना होने के कारण हम मुक्त अवस्था में घूमने लगते है..
इन्हीं सब के आधार पर न्यूटन ने अपनी एक Theory प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने Speed of light के Concept को सामने लेकर आया. आइंस्टाइन का मानना था कि प्रकाश की गति Constant होती है. लेकिन उन्होंने इस बात पर अपना मत रखा कर क्या हो अगर हम Light की Speed से Travel करें?
आइंस्टीन ने इस रिसर्च को जारी रखा और उन्होंने पाया कि किसी भी वस्तु की गति, दूरी और समय के समांतर (Proportional) होती है. मतलब जब भी कोई वस्तु Light की Speed से गति करेगी तो दूरी और समय अपने आप को बदल लेंगे इसके साथ-साथ आइंस्टाइन का यह भी मानना था कि प्रकृति के अपने कुछ fundamental law होते है. जिसे प्रकृति हमेशा नियत रखती है. यानी उस नियम को कभी नहीं तोड़ती है.
Light की Speed भी इसी तरह का एक natural fundamentals Law है, जैसे प्राकृतिक कभी भी तोड़ना नहीं चाहती है. इसका मतलब जब भी कोई वस्तु, प्रकाश की गति से Travel करेगा तो प्राकृतिक अपने नियमों को बचाने के लिए समय और दूरी को बढ़ाने लगेगी या तो समय धीमा हो जाएगा या दूरी बढ़ जाएगी
आइंस्टाइन के इस Theory ने एक नए विवाद को जन्म दिया, जिसके अनुसार यदि ऐसा होता है, तो हम Time Travel कर सकते है. और भविष्य में जा सकते है. इस Theory से पहले यह माना जाता था कि पूरे ब्रह्मांड में समय एक जैसा होता है. लेकिन इस Theory से हमें यह पता चला कि टाइम भी बदल सकता है. मतलब की समय नियत (Constant) नहीं है.
इसके अनुसार ऐसा माना जाता है, कि यदि हम Light के Speed से किसी दूसरे प्लेनेट पर जाकर वापस आए तो हमारे लिए समय इतना कम हो जाएगा कि हम जब वापस धरती पर आएंगे तो धरती पर रहने वाले लोगों की तुलना में कई साल पीछे होंगे
आइंस्टाइन ने अपने Special Theory Of Relativity के अनुसार 3 Concept बताएं
- Relativity Of Time – जिसके अनुसार समय सब जगह एक जैसा नहीं है. और हम समय धीमा पड़ने पर हम समय यात्रा कर सकते है.।
- Relativity Of Space – जिसके अनुसार Universe में किस 2 वस्तुओं के बीच की दूरी सिकुड़ जाती है.।
- Relativity Of Mass– यानी E=Mc square जिसके अनुसार गति बढ़ने के साथ साथ वस्तु की उर्जा पैदा करने की क्षमता भी बढ़ जाती है.। इसी सिद्धांत को आधार मान कर परमाणु बम का आविष्कार किया गया था। जिसके कारण नागासाकी और हिरोशिमा पर भारी तबाही देखने को मिली थी
General Theory Of Relativity क्या है.
स्पेशल Theory of relativity उन वस्तु के Speed पर काम नहीं करती है. जिस की गति लगातार बदल रही होती है. यह केवल उन वस्तु के Speed पर काम करता है. जिस की गति uniform motion मे होती है. इस Theory के limitations पर काम करते हुए 1915 मे आइंस्टाइन ने एक नई Theory को प्रस्तुत किया जिसे जनरल Theory of relativity कहा जाता है.
दरअसल स्पेशल Theory of relativity Equivalence Principle पर निर्भर करता है. लेकिन जनरल Theory of relativity gravitational force पर Based है. जिसके अनुसार acceleration और तेज gravitational force में अंतर करना संभव नहीं है. इसके साथ यह भी कहा गया कि ग्रेविटेशनल Force एक curved serface पर काम करने वाला geometry है. चलिए इसे एक उदाहरण से समझते है.
चलिए मान लेते है, कि हम एक लिफ्ट में है. और यह लिफ्ट एक गगनचुंबी इमारत के सबसे ऊपरी मंजिल पर है. अब यदि लिफ्ट का तार टूट गया तब वह लिफ्ट पूरी तरह मुक्त होकर नीचे की ओर गिरने लगेगा और उस लिफ्ट में सवार लोगों को भारहीनता का अनुभव होगा
यह ठीक उसी प्रकार है, जैसे एक spaceship में बैठे एक Astronauts का होता है. लेकिन लिफ्ट की यह घटना गुरुत्वाकर्षण के कारण घट रहे है. या तेज Acceleration के कारण यह बता पाना बहुत मुश्किल है. आइंस्टाइन के अनुसार Gravitational Force कोई Force नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर curved serface होने की वजह से होने वाली एक घटना है.
अब आप Theory of relativity के बारे में लगभग सब कुछ जान चुके है. लेकिन इस Theory of relativity ने कई सारी नए Concept को जन्म दिया जिसमें Time Travel, Time Dilation, और ब्लैक होल जैसे Theory शामिल है.
अल्बर्ट आइंस्टीन के सूत्र E=mc2 का उदाहरण
उदाहरण के लिए 1kg कोयले के जलने पर ऊर्जा मुक्त होती है-
E =mc^2
यहां m =1kg तथा c=3×10^8
तब E = 1×3×10^8×3×10^8
=9×10^16 Jule
अल्बर्ट आइंस्टीन ने कौनसी समीकरण दी ?
अल्बर्ट आइंस्टाइन में E=mc2 का समीकरण दिया, उनके इस समीकरण के अनुसार पदार्थ और ऊर्जा एक ही चीज़ के अलग अलग रूप हैं. पदार्थ उर्ज़ा में, और ऊर्जा पदार्थ में बदल सकता है. आसान भाषा में समझे तो दुनिया में जो भी वस्तु है जिसमें Mass यानी द्रव्यमान है, उसमें ऊर्जा विद्यमान है और उसे उर्जा में बदला जा सकता है.
निष्कर्ष
यदि आपने “E = mc² Explain in Hindi” के इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ा तो आपको अल्बर्ट आइंस्टीन के Theory of relativity के बारे में विस्तार से सभी जानकारी जानने को मिल गई होगी. क्योंकि इस पोस्ट में हमने E=mc2 का मतलब, Full Form, उपयोग इत्यादि के बारे में काफी विस्तृत जानकारी दी है.
अब यदि अगली बार कोई आपसे Albert Einstein theory E=mc2 in hindi के बारे में पूछा तो आप इस विषय पर उसे कई सारी बातें बता सकते है. और समझा सकते है. हमें उम्मीद है, कि आपको e=mc2 proof से जुड़ा या आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा यदि आपको ऐसे ही नॉलेज से भारी पोस्ट पढ़ना पसंद है, तो आप हमारे Unhindi.com को जरूर सब्सक्राइब करें इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद