अगर आपको कंप्यूटर में थोड़ी बहुत भी रुचि होगी तो आपने कभी ना कभी एपीआई का नाम जरूर सुना होगा, लेकिन कुछ नए कंप्यूटर यूजर ऐसे भी हैं जिन्हें एपीआई क्या है. (What is API in Hindi) और API का full form क्या है. इन सभी विषयों के बारे में नहीं पता होगा.
आपने कई बार यह देखा होगा कि, Train की सारी जानकारी सिर्फ रेलवे डिपार्टमेंट के पास ही होती है, लेकिन प्ले स्टोर पर उपलब्ध किसी भी रेलवे सूचना से संबंधित third party Application पर यह सारी इनफार्मेशन एक यूजर आसानी से देख पाता है.
कुछ ऐसे ही और उदाहरण देखें तो Google Pay या PhonePay की मदद से हम फोन का रिचार्ज, बिजली बिल पेमेंट या किसी भी सर्विस के लिए पेमेंट कर लेते हैं.
यदि आप एक बात पर ध्यान दे, तो हम मोबाइल रिचार्ज करने के लिए मोबाइल ऑपरेटर के वेबसाइट या पोर्टल पर redirect हुए बिना हमारा मोबाइल का रिचार्ज हो जाता है, या फिर हमें बिजली बिल पेमेंट के लिए हमें उस बिजली बिल पोर्टल पर भेजा ही नहीं गया लेकिन फिर भी हमारा बिजली का पेमेंट हो गया.
यह सब ऐसा इसलिए हुआ कि, Google Pay या Phone Pay अपनी पेमेंट सर्विस के लिए Background मे मोबाइल ऑपरेटर, बिजली बिल पोर्टल, के API का उपयोग करके आपको उस सर्विस के लिए पेमेंट कराने की सुविधा देता है. चलिए हम विस्तार में जानते हैं कि एपीआई क्या है. (What is API in Hindi), एपीआई का क्या उपयोग है. और एपीआई का उपयोग क्यों किया जाता है.
API का फुल फॉर्म क्या होता है? | API full form in hindi
API का फुल फॉर्म Application Programming Interface होता है. लेकिन क्या आपको पता है. यह Application प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) का क्या उपयोग है. मान लीजिए कि Train की जानकारी देने वाली एक Application पर आप Train की टाइमिंग Train की स्थिति और Train का किराया आसानी से देख सकते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं है. कि वह Train की जानकारी देने वाली Application इंडियन रेलवे की अपनी हो.
एपीआई के और भी कई सारे उपयोग आपको कई सारी एंड्राइड Application में देखने के लिए मिलती है, जैसे PAYTM पर होटल, होटल की सर्विसेज, शॉपिंग की जानकारी यह सभी एपीआई की मदद से ही जानकारी को Fetch करके यूजर को दिखाया जाता है.
API क्या होता है, इसका उपयोग क्यों किया जाता है.
Application Programming Interface (API) विशेष प्रकार का Code होता है. जिसे हम API KEY कहते हैं. इसका उपयोग किसी भी प्रकार के एप्लीकेशन, सर्विस, ऑपरेटिंग सिस्टम, या डाटा और Function को आसानी से Fetch या Access किया जा सकता है. इसका उपयोग करके Application Developer कई प्रकार के कंप्यूटर और Android Application को बनाते हैं.
एपीआई का यूज करके, रेलवे की जानकारी, शॉपिंग करने वाली वेबसाइट पर प्रोडक्ट की जानकारी, होटल की जानकारी, जैसे कई सारे Application को बनाया जा सकता है,
चलिए अब हम एक आसान भाषा में समझते हैं कि, एपीआई क्या है. (What is API in hindi) और एपीआई का क्या उपयोग (Use of API) होता है. मान लीजिए आपके पड़ोसी के घर में एक घड़ी है, और आपके पास समय देखने के लिए कोई भी घड़ी नहीं है. अब यदि कोई तीसरा आदमी आपसे टाइम पूछता है, तो आप उसे टाइम बताने के लिए अपने पड़ोसी के घर में जाकर टाइम देखते हैं, और टाइम देखकर उस तीसरे व्यक्ति को बताते हैं. ठीक API भी ऐसे ही काम करता है.
इस स्थिति में जिस पड़ोसी के घर में घड़ी है. उसे हम Data Server समझ सकते हैं, जो व्यक्ति टाइम का पता करने गया है. उसे हम Application API मान सकते हैं, और जिस ने टाइम पूछा है. उसे हम Application User मान सकते हैं.
Application Development में उपयोग होने वाला API भी ठीक इसी प्रकार काम करता है, एपीआई का उपयोग भी तीन पार्टियों में किया जाता है. पहला पार्टी जिसके पास Original update portal यहां से डाटा प्राप्त होता है. दूसरा जो इस पोर्टल के एपीआई का यूज करके Application Development कर रहा है. और तीसरा जो इस Application और API का उपयोग करके जानकारी प्राप्त कर रहा है.
यदि हम एक उदाहरण से समझे तो, हम अक्सर जोमैटो उबर ओला जैसे एप्स का यूज़ करते हैं इन सभी Application के अंदर हमें एक मैप दिखाई देता है. उसमें आपके अंदर हम किसी भी प्रकार के पिज़्ज़ा का आर्डर या कैब की बुकिंग करते हैं तो हमें पता चल जाता है. कि हमारा ऑर्डर या बुकिंग कैब कहां तक पहुंची है. अब यह सभी ऐप अपने MAP के इस फीचर के लिए खुद का सेटेलाइट नहीं लगाते हैं बल्कि वे गूगल मैप सिस्टम की एपीआई का यूज अपने Application के लिए करता है
दरअसल हम अपने स्मार्टफोन में गूगल मैप का उपयोग सीधे तौर पर करते हैं लेकिन ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी और ऑनलाइन बुकिंग सर्विस वाली कंपनी इस गूगल मैप को डायरेक्टली इस्तेमाल नहीं कर सकता. इन सभी कंपनी के लिए गूगल मैप ने एक API Security की Layer लगा कर रखी है. जिसे गूगल मैप एपीआई कहा जाता है
अब यदि किसी Application को गूगल मैप से लोकेशन की डाटा चाहिए तो वह सीधे गूगल मैप से नहीं बल्कि उस गूगल मैप के एपीआई से कनेक्ट होकर डाटा को Fetch करेगा, आसान शब्दों में कहें तो एपीआई एक प्रकार का मैसेंजर का काम करता है. किसी भी Application को गूगल मैप का डाटा चाहिए तो वह पहले गूगल मैप के एपीआई से रिक्वेस्ट करेगा कि क्या आप मुझे अपना डाटा दे सकते हैं या नहीं? फिर एपीआई गूगल मैप को जाकर रिक्वेस्ट भेजता है. कि क्या मैं किसी Application को डाटा दे दूं या नहीं? अब गूगल मैप जो डाटा एपीआई को देता है. वही डाटा एपीआई Application को दे देता है.
एपीआई की क्या होता है | API key kya hota hai
API एक एप्लीकेशन का डेटाबेस से दूसरे एप्लीकेशन का डेटाबेस को कनेक्ट करने का काम करता है, लेकिन दोनों के बीच एपीआई की मदद से डाटा का आदान प्रदान करने के लिए एक Authentication Key की जरूरत पड़ती है ताकि डेटा का उपयोग गलत तरीके या गलत उद्देश्य के लिए ना हो सके इसे API key कहते हैं.
उदाहरण से समझे तो, हम अक्सर Train की लोकेशन देखने के लिए online train information app का उपयोग करते हैं, और हम आसानी से Train की टाइमिंग और Train की लोकेशन पता कर सकते हैं.
दरअसल, यहां train information app अपने यूजर को Train की टाइमिंग और Train की लोकेशन दिखाने के लिए भारतीय रेलवे की Train लोकेशन सिस्टम की API Key का यूज़ करता है. इसके लिए train information app के Developer इंडियन रेलवे का API KEY उपयोग करता है. जैसे ही इंडियन रेलवे अपनी official website या Official Railway Portal पर जैसे ही Train की लोकेशन, टाइमिंग, किराया के संबंध में कोई update आता है, वैसे ही Application API KEY की मदद से रेलवे पोर्टल की जानकारी को Fetch करके Application के माध्यम से यूजर को दिखाती हैं.
एपीआई कैसे काम करता है | API kaise kaam karata hai
आज इंटरनेट पर ऐसे कई सारे एंड्राइड Application और कंप्यूटर Software है, जो एपीआई के माध्यम से काम करता है. और एपीआई के बिना किसी भी Android या कंप्यूटर Application का कार्य कर पाना संभव नहीं है. यदि हम एपीआई के काम करने के प्रोसेस को समझ जाए तो हमें यह भी समझ आ जाएगा कि एपीआई कैसे काम करता है?
indirectly अगर एपीआई को समझा जाए तो, एपीआई एक्यूजर Application और एक सिस्टम के बीच का एक ब्रिज है. जो यूजर को Application के मदद से सर्वर से कनेक्ट कर आता है. और जरूरी इंफॉर्मेशन यूज़र तक पहुंचाता है.
जब भी हम अपने फोन या कंप्यूटर पर कोई Application चलाते हैं तब वह Application बैकग्राउंड में इंटरनेट से कनेक्शन इस्टैबलिश्ड करता है, और कनेक्शन में आने के बाद वह उस सरवर पर डाटा भेजता है. जहां क्वारी या रिक्वेस्ट भेजी गई है
एपीआई की की मदद से सरवर उस क्वारी या रिक्वेस्ट डाटा को प्राप्त करता है, और डाटा को वापस फोन या कंप्यूटर पर भेजता है, और उस डाटा या इंफॉर्मेशन को यूजर उपयोग में लाता है. अब आप समझ गए होंगे कि एक Application को काम करने के लिए एपीआई किस प्रकार उपयोग में लाया जाता है.
अभी-अभी आपको एक ऐसे Application बनानी है, जिसमें यूजर को सभी Newspaper के न्यूज़ उसे एक Application में दिखे तो इसके लिए एक Application Developer को सिर्फ Application का इंटरफेस बनाना होगा, और बैकग्राउंड में सभी न्यूज़ एजेंसी का API Add कर देना होगा. और अब आपका न्यूज़ Application बनकर तैयार है. अब कोई भी यूजर उस Application को यूज करके सारे न्यूज़ पेपर के न्यूज़ को आसानी से पढ़ सकता है
Popular API के Examples
एंड्राइड जैसे फोन में Application की भरमार पड़ी है, लगभग हर दिन हम कुछ ना कुछ Application का यूज़ करते हैं, जिसमें हम डायरेक्टली इनडायरेक्टली एपीआई का भी उपयोग करते हैं. इनमें कुछ popular API हैं जिनका उपयोग हम हर दिन करते हैं, लेकिन शायद ही इसके बारे में हमें पता होता है. चलिए हम कुछ ऐसे ही Popular API के Examples को देखते हैं
- YouTube APIs: API की मदद से यूट्यूब वीडियो आप अपने वेबसाइट या वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट के बीच में Embed कर सकते हैं. जब भी कोई यूजर आपके उस वेबसाइट या कंटेंट पर जाता है, तो यूज़र यूट्यूब वीडियो को यूट्यूब पर ना जाकर, आपके वेबसाइट पर ही प्ले करके वीडियो देख सकता है. यूट्यूब के वीडियो Embed करने पर YouTube APIs काम करता है.
- Google Maps API : इस google map API का उपयोग Mobile और Desktop Browsers या Application में किया जाता है. Google Maps API का यूज करके Application या Software Developer गूगल मैप को webpages में embed करते हैं. GM API का उपयोग Location based Application मे भी किया जाता है. इसका सीधा सा उदाहरण हमें OLA या Ubber जैसे Cab Booking Application पर देखने को मिलता है. हम जैसे ही अपने आसपास कैब को सर्च करते हैं तो हमारी लोकेशन और कैब की लोकेशन Google Maps API की मदद से ही यूजर को दिखाई देता है.
- Payment Gateway API : Payment Gateway APIs का उपयोग हम, पेमेंट करने या पेमेंट रिसीव करने के लिए भी करते हैं इस्तमाल करके merchant Payment, इसकी मदद से कोई भी यूजर बहुत ही आसानी ढंग से Transaction को पूरा कर सकता है
- E-commerce API : समान समय में इंटरनेट पर कई सारे E-commerce website है, जहां हर दिन लाखों लोग शॉपिंग करते हैं. इन सभी eCommerce Application कि अपनी API होती है, जिसका उपयोग कोई भी एप Developer अपनी खुद की ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने में इसके Product Advertising API, Product Information API जैसे एपीआई का उपयोग कर सकता है.
- Mobile API : API का उपयोग एंड्राइड वर्जन के स्मार्टफोन में app develop करने के लिए भी किया जाता है, Developer, Mobile API का उपयोग Hardware से interact करने के लिए करता है, जैसे यदि किसी Developer को, Android-based Application के लिए front camera का Function जुड़ना है. तो, ऐसा नहीं है. कि वह एंड्राइड का पूरा का पूरा प्रोग्राम लिखेगा, वह Android एपीआई का front camera API का उपयोग करके उस Application को बनाएगा.
- Windows OS API :Windows API का उपयोग विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के Multimedia से संबंधित उपयोग जैसे ग्राफिक डिजाइनिंग, MP3 प्लेयर, वीडियो प्लेयर इत्यादि को बनाने के लिए Windows OS API का यूज करता है.
- OpenGL cross-platform graphics API : यह एक क्रॉस लैंग्वेज ए पी आई है, इस एपीआई का यूज करके Developer 2D और 3D वेक्टर ग्राफिक्स को आसानी से Embed कर सकता है. इस OpenGL cross-platform graphics APi का उपयोग hardware accelerated rendering को graphics processing unit (GPU) से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है.
API का उपयोग क्यों किया जाता है | (Uses of API in hindi)
एपीआई का उपयोग करने के पीछे कई सारे कारण है, यह किसी Developer के Application और Software बनाने की प्रक्रिया को आसान बनाता है, उसे पूरी की पूरी प्रोग्राम लिखने की जरूरत नहीं होती वह एक छोटे से API KEY की मदद से Application में किसी भी Function को जोड़ सकता है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं कि API का उपयोग क्यों किया जाता है?
- Monitoring: एपीआई का सबसे अच्छा उपयोग मॉनिटरिंग के लिए किया जाता है. इसके अनुसार आप किसी भी API पर आप अनलिमिटेड रिक्वेस्ट नहीं भेज सकते हैं यूपीआई रिक्वेस्ट भेजने के लिए आपको उसके प्रोटोकॉल को फॉलो करना होगा. साथ में किसी भी एपीआई के साथ आप Illigal Activity नहीं कर सकते हैं क्योंकि ज्यादातर एपीआई को मॉनिटर करता रहता है
- Time saving process: एपीआई का उपयोग करके बड़े-बड़े Coding लिखने से बचा जा सकता है. किसी भी स्पेशल Function को Application में जोड़ने के लिए एक छोटी सी API का उपयोग करके उस Function को Application में जोड़ा जा सकता है. जैसे यदि हम किसी Application को बनाते समय उसमें साइना और लॉगइन के Function को शुरू से Coding करने मे काफी समय लगेगा इसके लिए हम sign up with google और sign up with facebook जैसे API का Use करके हम अपने टाइम को बचा सकते हैं
- Efficiency और Error Free: किसी भी प्रोग्राम को लिखते समय या Application को डिवेलप करते समय कुछ एरर आ सकते हैं, लेकिन यदि हम एपीआई का उपयोग करें तो तैयार होने वाली Software या Application में Error होने की संभावना बहुत कम होती है. अब यदि हम weather या Temperature से संबंधित कोई Application बनाना हो तो इसके लिए हम जगह-जगह जाकर Temperature और weather का डाटा इकट्ठा करें इस से अच्छा है. कि हम किसी weather और temperature कैलकुलेट करने वाले एपीआई सिस्टम का उपयोग करके उसे अपने Application प्रोजेक्ट में इंटीग्रेट कर सकते हैं
- Safe and Secure: एपीआई की प्रोसेस Safe and Secure होती है. एपीआई की मदद से प्राप्त होने वाला डाटा और इंफॉर्मेशन पूरी तरह से सिक्योर होता है. एपीआई का यूज करने के लिए एक API KEY का उपयोग करता है, API KEY एक सिक्योरिटी Code होता है. जो कोई भी सिस्टम अपने Developer को देता है. जो भी Developer्स उसके एपीआई को विकसित करने की कोशिश कर रहा है. कुछ ऐसी ऐसी होती है. जो Free टू यूज होती है. किसी भी प्रकार का एपीआई सिक्योरिटी Code नहीं होता है. लेकिन ज्यादातर एपीआई API KEY का उपयोग करते हैं.
- Automation मे मदद: एपीआई का यूज करके हार्डवेयर टू Application को इंटरेक्ट कराने में एक Automation Process कराया जा सकता है.
- Interconnection with Business: किसी भी बिजनेस का एपीआई उपयोग करके एक Application Developer उस बिजनेस या सर्विस पोर्टल के बिजनेस में इंटरकनेक्शन बना सकता है.
- Easy Modification: Application के Function को जरूरत पड़ने पर कभी भी बहुत ही आसानी से बदला जा सकता है, Function को बदलने के लिए केवल उस एपीआई को चेंज करके दूसरे एपीआई को रिप्लेस करके Application में जरूरत के हिसाब से मोडिफिकेशन किया जा सकता है
- Commission Earning : कुछ एपीआई Free होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी API है. जो Paid होते हैं, इन Paid API services का उपयोग करने के लिए Developer को कुछ पैसे भी देने होते हैं. यदि आप एक एपीआई Developer हैं तो आप अपनी एपीआई बेचकर अच्छी Commission Earning कर सकते हैं.
एपीआई का मतलब क्या होता है: निष्कर्ष
ऊपर की पोस्ट में आपने API ka Full Forms और API क्या होता है यह कैसे काम करता है मतलब What is API in hindi से संबंधित जानकारी को जाना, इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको एपीआई के बारे में लगभग सभी कांसेप्ट समझ में आ चुके होंगे. यदि आपके मन में अभी भी एपीआई से जुड़े कोई भी प्रश्न नहीं है सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
यदि आपने ऊपर के पोस्ट में दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ा होगा तो आप यह समझ चुके होंगे कि API प्लेटफॉर्म क्या होता है. और इसके क्या फायदे हैं. यदि आपको हमारा यह पोस्ट हेल्पफुल लगा तो इस पोस्ट को अपने दोस्त और अपने सोशल मीडिया जैसे फेसबुक व्हाट्सएप और ट्विटर पर जरूर शेयर करें साथ ही, कंप्यूटर इंटरनेट गैजेट और टेक्नोलॉजी से जुड़े पोस्ट को पढ़ने के लिए Unhindi को जरूर सब्सक्राइब करें
बहुत बढ़िया आपने लिखा है………थैंक