What Is Mutual Funds in Hindi: जब भी सैलरी के पैसों को को लेकर savings करने की बात आती है तो कई सारे फाइनेंशियल एक्सपर्ट अपने महीने की सैलरी को म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की सलाह देते हैं. लेकिन कई सारे लोगों को मुचल फंड की जानकारी नहीं होने के कारण वह mutual fund में पैसे कैसे Invest करते हैं इसके बारे में उन्हें कोई आईडिया नहीं होता है,
- म्यूच्यूअल फंड क्या होता है
- क्या म्यूचुअल फंड में ₹500 या ₹1000 Invest किया जा सकता है
- म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान
- सबसे ज्यादा Return देने वाला म्यूच्यूअल फण्ड
- म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है
- म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान
- म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें
- म्यूचुअल फंड से कमाई कैसे करें
- म्यूचुअल फंड सही है या गलत
अब अगर आप भी इन सभी टॉपिक के बारे में जानना चाहते हैं और म्यूच्यूअल फंड में पैसा Invest करके अपनी savings को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको यह पोस्ट जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम आपको म्यूच्यूअल फंड के सभी ABCD बताने वाले इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप म्यूच्यूअल फंड के हर एक टॉपिक को समझ जाएंगे कि म्यूच्यूअल फंड क्या होता है, म्यूचुअल फंड में कैसे Invest किया जाता है और mutual fund में Invest करने का सही तरीका क्या है.
आप सरकारी जॉब करते हो या प्राइवेट जॉब हर महीने आपकी एक Fixed income होती है, जिसमें से कुछ पैसे आप अपने डेली लाइफ में खर्च करते हैं और कुछ पैसों कि आप savings करते हैं. अपने सैलरी को सेव करने के कई सारे तरीके हैं जिसमें म्यूच्यूअल फंड भी अपनी महीने की सैलरी को savings करने का सबसे अच्छा तरीका है.
कई सारे लोग अपने महीने की सैलरी को बैंक में जमा करके रखते हैं, दरअसल आपकी सैलरी बैंक में भी savings अकाउंट में ही रहती है लेकिन उस पर आपको कुछ भी बेनिफिट नहीं मिलता है, इसलिए बैंक में पैसे savings करने का तरीका सबसे बेकार है. क्योंकि बैंक में savings किए गए पैसे अपनी Value Loose करते रहते हैं, जिस पर आपको कोई भी बेनिफिट नहीं मिल पाता है. उल्टा बैंक आप ही के पैसों को दूसरे लोगों को हाय इंटरेस्ट पर देकर खुद profit Earn करती है.
जब एक व्यक्ति अपने पैसे को सेव करने के लिए बैंक के Option को चुनता है तो, भले ही बैंक में आपके पैसे सेव रहते हैं लेकिन हमारे देश में जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती है आपकी उस जमा की गई पैसों की कीमत घटती जाती है.
इस लिए कई सारे लोग अपने पैसे की वैल्यू समय के साथ बढ़ाने के लिए उन पैसों को बैंक अकाउंट में न रखकर दूसरे अलग-अलग सोर्स में पैसे Invest कर देते हैं अपने मंथली सैलरी को सेव करने के लिए भारत जैसे देश में लोग 4 तरीके अपनाते हैं
- Savings Account
- Fixed Deposit
- Golden Jewelry
- Real Estate
अब तक ज्यादातर लोग अपने savings के लिए इन्हीं 4 तारीख को मैं अपने पैसे को Invest करते हैं, इसके अलावा जिन्हें stock market और शेयर मार्केट किस समय है वह अपने मंथली सैलेरी की savings करने के लिए stock market में भी अपने पैसे Invest कर देते हैं, लेकिन चुकी stock market एक रिस्की गेम होता है.
इसलिए लोग अपने savings के पैसों को stock market में डालने से काफी डरते हैं. समझदार और पढ़ा लिखा व्यक्ति अपने पैसे को सेव करने के लिए और उसकी वैल्यू बनाए रखने के लिए विचार चीजों में डील करता है और अपने पैसे को savings करते समय यह तीन चीजों पर ध्यान देता है
- Return – किसी भी सोर्स में पैसे Invest करने से पहले उसके Return को ध्यान में रखना जरूरी होता है क्योंकि पैसे Invest करने के बाद आप उस investment में कितना कमा रहे हैं वह Return आपके लिए काफी जरूरी होता है यदि इन्फ्लेशन रेट यानी महंगाई 4% है तो आपका Return 4% से ज्यादा होना चाहिए, तभी आप अपने investment के बदले कुछ profit कमा सकते हैं, अब यदि आपने एक ऐसी सोर्स में investment किया है जहां Return आपको 4% से कम मिल रहा हो तो ऐसे में आपके investment का कोई फायदा ही नहीं होगा
- रिस्क- कहीं भी investment करने से पहले यह देखना भी जरूरी है कि आप जहां अपने कमाए हुए पैसे को Invest कर रहे हैं वह कितना रिस्की है क्या कुछ समय बाद आपके Invest किए हुए पैसों की वैल्यू पड़ेगी या घट जाएगी, शेयर मार्केट इसका सबसे अच्छा उदाहरण है क्योंकि कई सारे लोग अपने पैसे Invest करके अच्छे खासे profit कमा लेते हैं लेकिन कुछ लोग शेयर मार्केट में पैसे Invest करके डूब जाते हैं
- टाइम- investment से profit कमाने में टाइम लगता है इसलिए investment करते समय टाइम को समझना जरूरी होता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण फिक्स डिपॉजिट होता है जिसमें आपको एक लंबे समय के बाद अच्छा Return मिलता है, कुल मिलाकर investment का फंडा समझा जाए तो ज्यादा टाइम, ज्यादा रिस्क, ज्यादा Return
पैसे Invest करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है
जहां भी आपको अच्छा Return मिलता है वहां ज्यादा रिस्क होता है या फिर ज्यादा टाइम लगता है अब पैसे Invest करने का सबसे अच्छा तरीका वही है जिसमें कम रिस्क और कम टाइम में ज्यादा Return मिले, लेकिन अक्सर ऐसा होता नहीं है क्योंकि जहां टाइम कम और Return अच्छा मिल रहा हो वहां रिस्क होता है और जहां रिस्क नहीं होता वहां ज्यादा टाइम के बाद ज्यादा Return मिलता है.
यदि आप रिस्क को कम करके अच्छा Return पाना चाहते हैं तो बैंक savings अकाउंट पैसा Invest करने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि यहां कम रिस्क के साथ पैसे निकालने और डालने का कोई समय नहीं होता है.
आप यहां से कभी भी पैसा डाल सकते और कभी भी निकाल सकते हैं और इसके बदले बैंक आपको savings अकाउंट पर अच्छा Return देता है लेकिन यह Return इतना भी अच्छा नहीं होता इस पर आपको 3% से 4% तक कहीं Return मिलता है. और पिछले कुछ सालों में हमारे देश का इन्फ्लेशन रेट 4% से 5% के बीच में रहा है.
कम रिस्क और ज्यादा Return के लिए आप fixed deposit में पैसे Invest कर सकते हैं लेकिन यहां एक टाइम बॉन्डिंग होती हैं जिसमें एक बार पैसे Invest करने के बाद आपको 5 से 10 साल तक का इंतजार करना पड़ता है,
इस टाइम बॉन्डिंग के अंदर आप अपने पैसे बाहर नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन fixed deposit का अपना एक फायदा है कि यहां आपको कम रिस्क में अच्छा Return मिलता है. अगर fixed deposit की Return की बात करें तो आपको 7% -8% तक का Return मिलता है.
वही गोल्ड और ज्वेलरी में पैसे Invest करने का सबसे अच्छा तरीका है. आप अपने savings को गोल्ड और ज्वेलरी खरीदने के लिए Invest कर सकते हैं. जो पैसे Invest करने का सबसे पुराना तरीका है और लोग आज भी गोल्ड और ज्वेलरी में पैसा Invest करके अच्छा Return पा रहे हैं.
लेकिन कुछ समय पहले की गोल्ड और ज्वेलरी की Price Rasing की statics देखी जाए तो, अब गोल्ड और ज्वेलरी में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है लेकिन यदि आप लंबे समय के लिए गोल्ड और ज्वेलरी में Invest करते हैं तो आपको निश्चित ही profit होगा और आप अच्छा Return पा सकते हैं
यदि आप बड़े लेवल पर investment करना चाहते हैं तो रियल एस्टेट पुराने समय से लेकर अब तक का पैसा Invest करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. लेकिन रियल एस्टेट में भी थोड़ा बहुत रिस्क होता है क्योंकि रियल एस्टेट बिजनेस में थे थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. रियल एस्टेट और हाउसिंग में Invest करने का सबसे बड़ा नुकसान होता है कि इसमें आपको बड़े लेवल पर बहुत ज्यादा Invest करना पड़ता है लेकिन एक समय बाद बड़ा Return भी देखने को मिलता है.
stock market और शेयर मार्केट पैसे को दोगुना करने का सबसे आसान तरीका क्या है, क्योंकि यहां कम समय में ज्यादा Return देखने को मिलता है लेकिन फिर से वही बात आती है कि यहां आपको बहुत ज्यादा रिस्क देखने को मिलता है.
क्योंकि दूसरे तरीकों से पैसे investment करने के तरीकों की तुलना में शेयर और stock market में कई गुना ज्यादा रिस्क होता है, यहां हर घंटे शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. यही कारण है कि यहां आपको बहुत ज्यादा profit देखने को मिलता है तो कहीं बहुत ज्यादा लॉस देखने को भी मिलता है.
stock market में शेयर में पैसे Invest करने के लिए आपको शेयर मार्केट के साथ-साथ शेयर को खरीदने और बेचने के भी नॉलेज होनी चाहिए, शेयर मार्केट में पैसे Invest करना सबसे ज्यादा Return देने वाली स्कीम में से एक है. लेकिन अगर आपके पास शेयर और स्टॉक के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो आपको इस investment स्कीम से दूर ही रहना चाहिए.
इसके अलावा पैसे Invest करके ज्यादा Return पाने के लिए और भी कई सारे तरीके हैं जिसमें गवर्नमेंट बॉन्ड्स कंपनी बॉन्ड्स क्रिप्टो करेंसी जैसे Bitcoin, Litecoin, Dogecoin, Ethereum, Cardano, Binance Coin जैसे अलग-अलग बिटकॉइन में भी लोग अपने पैसे Invest कर रहे हैं,
इन सबके अलावा पैसे Invest करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अलग-अलग सोर्स में अपने पैसे को Invest करें ताकि कभी भी एक सोर्स क्रैश हो, तो आपको कम नुकसान जाना पड़ेगा, और यदि आपने अपनी पूरी investment किसी एक सोर्स में Invest करके रखी हो तो एक बार मार्केट क्रैश होने के बाद आप पूरी तरह से कंगाल हो जाएंगे,
अलग-अलग जगहों पर पैसे Invest करने से ऐसा बहुत ही कम होगा कि एक साथ गोल्ड, रियल एस्टेट, stock market सभी का प्राइस एक ही साथ क्रैश हो ऐसा कभी नहीं होता. मल्टीपल investment करने का सबसे बड़ा फायदा है कि जब भी कोई एक मार्केट क्रैश होगा तो आप दूसरे सोर्स के investment Return से आप profit हो जाएगा.
म्यूच्यूअल फंड क्या होता है, म्यूचुअल फंड से पैसे कैसे कमाए
मुचल फंड एक प्रकार का investment होता है जिसमें आप अलग-अलग प्रकार के investment एक ही साथ कर सकते हैं, इसके लिए AMC एक कंपनी होती है जो म्यूच्यूअल फंड को मैनेज करती है दरअसल AMC का Full Form – Assest Management Company होता है.
म्यूच्यूअल फंड भी पैसा Invest करने का सबसे अच्छा तरीका है, अब चलिए समझते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या होता है और म्यूचुअल फंड में पैसा कैसे Invest किए जाते हैं और mutual fund से पैसे कैसे कमाए.
म्यूचुअल फंड में आप अपना पैसा AMC कंपनी को देते हैं आपकी तरह ही दूसरे लोग भी म्यूच्यूअल फंड में Invest करने के लिए अपना पैसा AMC कंपनी को देती है और ऐसा करते करते AMC कंपनी के पास एक साथ ढेर सारा पैसा इकट्ठा हो जाता है.
जिसके बाद कंपनी अपने फाइनेंसियल एक्सपोर्ट और मार्केट की स्टैटिक्स को स्टडी करने के बाद उस पैसे को अलग-अलग Assets मे Invest कर दिया जाता है. बाद में जब उन अलग-अलग जगह से investment के बदले जो Return मिलता है उसका कुछ % Assest Management Company रख लेती है और बाकी का पैसा अपने Investर्स को Return के रूप में वापस कर देते हैं. आज भारत में ऐसे कई सारी फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट है जो भारत मेंऐसेट मैनेजमेंट कंपनी चला रही है जैसे
Asset Management companies in India
SBI Funds Management Private Limited | Birla Sun Life Asset Management |
HDFC Asset Management Company Limited | Indiabulls |
SBI Mutual Fund | Kotak Mahindra Bank |
DSP Mutual Fund | L&T Mutual Fund |
Axis Mutual Fund | IDFC First Bank Limited |
Tata Mutual Fund | Reliance Industries Limited |
Invesco | HDFC Bank |
ICICI Prudential Mutual Fund | Axis Bank |
UTI Mutual Fund | IDBI Bank |
Edelweiss Group | Mirae Asset Financial Group |
Motilal Oswal Financial Services | JM Financial |
HDFC Mutual Fund | State Bank of India |
यह सभी अलग-अलग कंपनी अलग-अलग प्रकार के mutual fund्स निकालती है, SBI Funds Management Private Limited अब तक 2000 से भी ज्यादा Types के म्यूच्यूअल फंड निकल चुकी है. तो अगर आप mutual fund में Invest करके अच्छा Return पाना चाहते हैं तो आपको SBI Funds Management की तरफ से 2000 से भी ज्यादा अलग-अलग mutual fund में Invest करने के Option मिलते हैं.
मुचल फंड पर कितना Return मिलता है | म्यूच्यूअल फंड्स कितना रिस्की होता है
म्यूच्यूअल फंड कितना Return देता है और कितना रिस्की होता है, यह निर्भर करता है की आप किस टाइप के mutual fund में अपने पैसे Invest कर रहे हैं, म्यूच्यूअल फंड पर कम से कम 4% तक का Return मिलता है, और ज्यादा से ज्यादा 30% तक का मिल सकता है, यदि हम म्यूच्यूअल फंड पर रिस्क की बात करें तो, कुछ म्यूच्यूअल फंड्स कम रिस्क वाले भी होते हैं और कुछ अधिक रिस्क वाले भी म्यूच्यूअल फंड होते हैं,
अब आपका पैसा किस टाइप के म्यूच्यूअल फंड में लगने वाला है, यह आप नहीं बल्कि Asset Management companies पर डिपेंड करता है कि वह आपका पैसा किस टाइप के म्यूच्यूअल फंड में Invest करती हैं, अगर यह Asset Management companies आपके investment को शेयर मार्केट और stock market में Invest करते हैं तो वहां आपको हाई रिस्क और हाई profit मिलता है, और यदि यह कंपनी आपके पैसे को गवर्नमेंट बॉन्ड मे Invest करती है तो लो रिस्क के साथ लो Return मिलता है.
मुचल फंड कितने प्रकार के होते हैं | Types of mutual funds in hindi
Asset Management companies आपके पैसे को किस टाइप के म्यूच्यूअल फंड में Invest कर रही है इसके आधार पर म्यूच्यूअल फंड कई प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से mutual fund तीन प्रकार के होते हैं
- Equity Mutual Funds
- Debt Mutual Funds
- Hybrid Mutual Funds
Equity Mutual Funds क्या होता है यह कितने प्रकार के होते हैं
Equity Mutual Funds मे आपके investment और आपके पैसे को ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी स्टॉक्स और शेयर में Invest करती है इसे Equity Mutual Funds कहा जाता है, इस टाइप के म्यूच्यूअल फंड में रिस्क ज्यादा होता है लेकिन इससे मिलने वाला profit भी ज्यादा होता है. इसलिए अगर आप रिस्क लेकर अच्छा Return पाना चाहते हैं तो आपके लिए Equity Mutual Funds एक बेहतर option है. लेकिन इस प्रकार के Mutual Funds मे भी दो तरीके से investment किया जाता है
- यदि किसी बड़ी कंपनी के स्टॉक में पैसा Invest किया जाता है तो उसे Large Cap Equity Funds कहते हैं
- और यदि किसी छोटी कंपनी का स्टॉक में पैसा Invest किया जाता है तो उसे Small Cap Equity Funds कहां जाता है
- और अगर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी आपका पैसा मीडियम कंपनी के स्टॉक में Invest करती है तो उसे mid Cap Equity Funds कहा जाता है.
Equity Mutual Funds भी कई प्रकार के होते हैं चलिए इनके बारे में हम Detail मे जानते हैं
Diversified Mutual Funds क्या होता है
Diversified Mutual Funds मे तीनों प्रकार के कंपनी के स्टॉक में थोड़े थोड़े पैसे Invest किए जाते हैं, आसान भाषा में कहें तो, इस प्रकार के mutual fund में आपके पैसे को Large, mid और Small Cap Equity Funds वाली तीनों प्रकार के कंपनी में Invest किए जाते हैं. इसलिए इसमें कम रिस्क होने के साथ-साथ अच्छा Return मिलने की भी उम्मीद होती है. क्योंकि अगर Small Cap Equity Funds आपको Return नहीं दे पा रहे हैं तो Large, mid Cap Equity Funds आपको Return दे सकते हैं.
ELSS Mutual Funds क्या होता है
म्यूचुअल फंड में ELSS का Full Form- Equity Linked Saving Scheme होता है, यह एक स्पेशल टाइप का म्यूच्यूअल फंड स्कीम होता है जिसमें आप अपना टैक्स बचा सकते हैं, मतलब इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड से मिलने वाले profit में आप अपना टैक्स बचा सकते हैं. इसमें Invest करने वाला Investर जानबूझकर आपके पैसों को ऐसी जगह पर Invest कराता है जहां High risk के साथ high return मिल रहा हो, इसमें 1 साल के अंदर अंदर 11% तक का Return मिल सकता है.
Sector Mutual Funds क्या होता है
इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में Investर आपके पैसे को ऐसा जगह पर Invest करते हैं जिसका स्टॉक किसी Particular Sector से Belong करता है, जैसे यदि आपके investment को टेक्नोलॉजी वाली सेक्टर की कंपनी के स्टॉक में Invest किया जा रहा हो तो इसे हम Sector Mutual Fund कहेंगे. सेक्टर mutual fund में पैसा Invest करने से पहले ध्यान देने वाली एक बात है कि इस टाइप के म्यूच्यूअल फंड में काफी ज्यादा रिस्क होता है क्योंकि आपका पैसा एक पर्टिकुलर सेक्टर के स्टॉक में Invest कराया जा रहा है जिससे अगर उस सेक्टर में कभी गिरावट आई तो आप को बड़ा झटका लग सकता है.
index mutual funds क्या होता है
index mutual funds को Passively managed funds भी कहा जाता है, इस प्रकार के फंड को मैनेज करने के लिए AMC कंपनी किसे Automatic मैनेज करती हैं, यह पूरी तरह से सेंसेक्स और निफ्टी पर डिपेंड करता है जैसे-जैसे सेंसेक्स और निफ्टी ऊपर नीचे होता है वैसे वैसे index mutual funds भी ऊपर नीचे होता रहता है
Debt Mutual Funds क्या होता है और इसके कितने प्रकार होते हैं
म्यूच्यूअल फंड की दूसरी कैटेगरी Debt Mutual Funds होती है, इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में Investर्स के पैसे को Debts, Bonds, deventure, certificate, certificate of diposite, जैसे investment Plan में Invest किया जाता है. इसलिए इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड को Debt Instuments mutual funds भी कहा जाता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में Investर्स को Low Risk के साथ Low Return मिलता है. अब Debt Mutual Funds भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं
- Liquid Funds : इस प्रकार के फंड को कभी भी Cash में आसानी से बदली कराया जा सकता है, इस प्रकार के फंड्स को 1 से 2 दिन के अंदर में क्या समय बदला जा सकता है
- Gilt Funds: गिल्ट फंड, जिसे government securities fund या Gilt-Edge Fund के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का mutual fund है जो मुख्य रूप से केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा जारी government securities या bond में Investment करता है। इन फंडों को कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है क्योंकि वे सरकार द्वारा supported होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे अपेक्षाकृत stable returns देते हैं।
- Fixed Maturity Plan: इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड की तुलना आप fixed deposit से कर सकते हैं, क्योंकि म्यूच्यूअल फंड के इस टाइप में fixed deposit जितना ही लो रिस्क होता है, और इसे एक Fix Time के लिए इसमें investment किया जाता है उस फिक्स टाइम के अंदर आप इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड से पैसे नहीं निकाल सकते हैं
Hybrid Mutual Funds क्या होता है और इसके कितने प्रकार होते हैं
Equity + debt mutual funds = Hybrid Mutual Funds इस फार्मूला को आप देखकर अंदाजा लगा चुके होंगे की Hybrid Mutual Funds क्या होता है, जी हां दरअसल Equity म्यूच्यूअल फंड और debt mutual funds दोनों को मिलाकर Hybrid Mutual Funds बनाया गया है.
जो लोग किसी कंपनी के स्टॉक में अपने पैसे Invest करना चाहते हैं वह इक्विटी mutual fund मे अपने पैसे Invest करते हैं और जो लोग Debts, Bonds, deventure, certificate, certificate of diposite, मे अपने पैसे Invest करना चाहते हैं वह Debt म्यूचुअल फंड में अपना पैसा Invest करते हैं लेकिन वैसे लोग जो इक्विटी और डेट दोनों में अपना पैसा थोड़ा-थोड़ा Invest करना चाहते हैं उनके लिए एक नया म्यूच्यूअल फंड बनाएंगे जिसे Hybrid Mutual Funds कहा जाता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड के भी कई सारे टाइप होते हैं चलिए इनके बारे में हम थोड़ा कुछ और जान लेते हैं
Balanced Saving Funds क्या होता है
इस प्रकार के Hybrid Mutual Funds में ज्यादातर पैसे Debt Funds मे Invest किया जाता है, इसमें Invest होने वाले पैसे का Ratio 70:30 होता है, इसका मतलब investment के 70% पैसे आपके Debt Funds मे Invest होता है और बाकी का 30% पैसा Equity Funds यानी स्टॉक्स में Invest होता है.
Balanced Advantage Funds क्या होता है
यह ठीक Balanced Saving Funds का उल्टा होता है इसमें Invest होने वाले पैसे का Ratio 30:70 होता है, इसका मतलब investment के 30% पैसे आपके Debt Funds मे Invest होता है और बाकी का 70% पैसा Equity Funds में Invest किया जाता है.
म्यूचुअल फंड में SIP क्या होता है | SIP kya hota hai
Mutual Funds के अर्थ में SIP का फुल फॉर्म Systematic Investment Plan होता है हिंदी में SIP को व्यवस्थित निवेश योजना कहा जाता है. SIP (Systematic Investment Plan) म्यूचुअल फंड मे investment करने का एक आसान तरीका है जिसके माध्यम से निवेशक नियमित अंतराल पर थोड़े थोड़े पैसे म्यूच्यूअल फंड या स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं।
एक Example से समझे तो, अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसे Invest करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आप 2 तरीके से पैसे Invest कर सकते हैं, आप चाहे तो एक बार में एक बड़ा अमाउंट म्युचुअल फंड में Invest कर सकते हैं और यदि आपके पास बड़ा अमाउंट नहीं है तो, आप हर महीने या हर साल थोड़ा थोड़ा पैसा म्यूचुअल फंड में Invest कर सकते हैं. और जब हम हर महीने या हर साल के निश्चित तारीख को थोड़ा थोड़ा पैसा Invest करते हैं तो ऐसे ही SIP (Systematic Investment Plan) कहा जाता है
और यदि कोई Investर अपना पूरा पैसा एक ही बार में Invest कर देता है तो उसे LumpSum Investment कहते हैं. अब यदि आपके पास Fund मे Invest करने के लिए अधिक पैसा है तो आप म्यूच्यूअल फंड के लिए LumpSum Investment ट्राई कर सकते हैं लेकिन यदि आपके पास कम पैसे हैं तब आप SIP (Systematic Investment Plan) ले सकते हैं
SIP के फायदे (Benefits of SIP in Hindi)
SIP Plan में investment करने के कई फायदे हैं, चलिए हम जानते हैं कि यदि आप SIP प्लान के अंतर्गत म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको क्या फायदा होने वाला है
- SIP investment में यदि आप इनकम टैक्स स्लैब के अंतर्गत इनकम टैक्स Return फाइल करते हैं तो आपको टैक्स Return में छूट मिल सकता है
- SIP investment करने का काफी आसान तरीका है इसमें आप अपने महीने की बजट के अनुसार investment कर सकते हैं
- यदि आप स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में रिस्क लेने से डरते हैं, वैसे लोगों के लिए SIP एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है
- SIP कंपाउंडिंग की तरह काम करता है यहां आप लंबे समय तक investment कर सकते हैं और ज्यादा Profit कमा सकते हैं
- अगर मार्केट ऊपर जा रहा है और आपको अच्छा Return मिलने की उम्मीद है तो आप अपना SIP में investment बढ़ा सकते हैं
- और अगर मार्केट में गिरावट की स्थिति है तो आप अपना SIP रोक भी सकते हैं और जब मार्केट में दोबारा सुधार हो तो आप फिर से अपना SIP चालू कर सकते हैं
- SIP के लिए आप अपने बैंक से Auto SIP सुविधा शुरू करवा सकते हैं
SIP के नुकसान (Disadvantages of SIP in Hindi)
SIP के कई सारे फायदे होने के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है, इसलिए यदि आप SIP में investment करना चाहते हैं तो आपको इसके नुकसान के बारे में भी पता होना चाहिए
- अगर SIP सही समय पर जमा नहीं किया गया तो कुछ नुकसान भी हो सकता है
- SIP में हर महीने एक निश्चित रकम की जरूरत होती है जिस का इंतजाम आपको हर महीने करना होता है
- यदि यह रकम निश्चित समय पर जमा नहीं की गई तो नुकसान होने की आशंका रहती है।
- मार्केट में ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर अच्छा Return नहीं मिल सकता है
- SIP लेने के लिए आपके पास इनकम का नियमित और निश्चित सोर्स होना चाहिए
म्यूच्यूअल फंड के फायदे और नुकसान क्या है
दूसरे investment Plan की तुलना में mutual fund को काफी आसान और सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें आप कई सारे अलग-अलग option के अंतर्गत आप अपने पैसे को Invest कर सकते हैं लेकिन इसमें काफी लो रिस्क में हाई profit होता है क्योंकि म्यूचुअल फंड में investment करने के लिए आप अपने पैसे को ऐसे Expert को देते हैं जिसे stock market और Debts, Bonds, deventure जैसी चीजों की अच्छी नॉलेज होती है और वह आपको profit बना कर देते हैं और बदले में आपकी profit से अपना कुछ कमीशन काटते हैं.
अगर देखा जाए तो मुझे फंड के कई सारे फायदे हैं और उसके साथ कुछ नुकसान भी है, चलिए हम जानते हैं कि म्यूचुअल फंड में investment करने का क्या फायदा है और म्यूचुअल फंड में investment करने के क्या नुकसान है.
म्यूच्यूअल फंड्स के फायदे
- mutual fund investment में आपको Diversification Facility देखने को मिलते हैं,
- Diversification मे आपके पैसे को एक जगह investment करने की जगह अलग-अलग Assets में Invest किया जाता है, Real Estate, Gold, Stocks, Bonds, Adventure इत्यादि
- stock market में डायरेक्ट investment की तुलना में mutual fund investment कम रिस्की होता है
- mutual fund Affordable होता है आप कम पैसों में भी म्यूचुअल फंड में पैसा Invest कर सकते हैं
- म्यूचुअल फंड में पैसे Invest करने के लिए आप SIP की मदद से हर महीने छोटे-छोटे अमाउंट में भी पैसे Invest कर सकते हैं.
- म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को Invest करने के लिए प्रोफेशनल एक्सपोर्ट फंड मैनेजर होता है जो आपके पैसे को सोच समझकर Invest करता है
म्यूच्यूअल फंड्स के नुकसान
वैसे तो आपने मौजूद फंड्स में investment के फायदे ही सुने होंगे लेकिन Mutual Fund में निवेश करने के नुकसान भी बहुत हैं, इसलिए अपने पैसे को म्यूच्यूअल फंड में Invest करने से पहले इनके नुकसान के बारे में भेज जाना ना काफी जरूरी है
- mutual fund आपसे निश्चित गारंटीड Return की गारंटी नहीं लेता है, इसलिए आपको अपने म्यूचुअल फंड के investment और Return के नुकसान के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए
- mutual fund investment में आप सीधे तौर पर बाजार में Invest नहीं कर सकते हैं इसके लिए mutual fund का प्रबंधन फंड मैनेजर आपके पैसे को Invest करता है
- mutual fund investment में इंटरेस्ट रेट बदलने से आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है, जैसे जब मार्केट में ब्याज दर बढ़ती है, तो बॉण्ड और डेट फंड की कीमत में गिरावट आती है और ऐसी स्थिति में म्यूचुअल फंड के निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
- महंगाई के कारण ही म्यूचल फंड के नुकसान हो सकते हैं मान ले यदि आपको म्यूचुअल फंड में 8% का Return मिल रहा है और यदि 1 साल के अंदर अंदर Inflation के कारण महंगाई 7% बढ़ जाती है तो आपके Return से सिर्फ 1% का फायदा होगा. तो इस प्रकार महंगाई के कारण mutual fund का Return घट सकता है
- इस प्रकार के investment में आपको टैक्स इम्प्लीकेशन, टैक्सेशन रिस्क के कारण नुकसान झेलना पड़ सकता है क्योंकि, म्यूचुअल फंड यूनिट्स लेकर कुछ दिनों तक होल्ड करते हैं और उसे कुछ समय बाद Return पाने के लिए Sell करते हैं तो आपको उस Amount पर apital gains tax चुकाना पड़ता है
- कई बार करेंसी में उतार-चढ़ाव होने के कारण म्यूचुअल फंड मे नुकसान हो सकता है
म्यूचुअल फंड से पैसा कब निकाल सकते हैं?
म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने के लिए आपको फंड के नियमों और शर्तों का पालन करना होगा। निकासी के संबंध में निम्नलिखित प्रमुख तत्व हैं:
- Lock-in period: कई म्यूचुअल फंड में एक Lock-in period होता है, Lock-in period का मतलब होता है कि आप investment के एक निश्चित समय तक पैसा नहीं निकाल सकते हैं। यह लॉकिंग पीरियड म्यूच्यूअल फंड के अलग-अलग प्रकार और नियमों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, Lock-in period की अवधि 1 से 3 साल तक हो सकती है।
- Exit Load: कुछ म्यूचुअल फंड Exit Load चार्ज करते हैं जो म्यूच्यूअल फंड निकालते समय लिया जाता है. यह एक प्रकार का शुल्क होता है और आपके investment Amount पर ही काटा जाता है. Exit Load चार्ज भी फंड के नियमों और शर्तों पर निर्भर करता है
- Liquidity Rule: म्यूचुअल फंड के नियमों के अनुसार, निवेशकों को केवल निश्चित समय के बाद ही म्यूच्यूअल फंड से पैसा निकालने की अनुमति होती है। फंड के नियमानुसार अलग-अलग हो सकता है, जहां आपको निवेश की अवधि का पालन करना होता है।
Conclusion: यदि आपने What is Mutual funds in hindi से जुड़े इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ा होगा तो, आपको इस टॉपिक से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारी जानने को मिल चुकी होगी क्योंकि इस पोस्ट में म्यूच्यूअल फंड क्या है और इस से पैसे कैसे कमाए जैसे टॉपिक पर विस्तार से सब कुछ बताया गया है, इसके साथ ही साथ म्यूच्यूअल फंड के प्रकार और म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान के बारे में भी आप जान चुके होंगे. इसलिए यदि आपको यह पोस्ट हेल्पफुल लगा तो आप ही से अपने सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें
1 साल में म्यूचुअल फंड कितना Return देता है?
म्यूचुअल फंडों का Return अलग-अलग प्रकार के फंड और मार्केट की उतार-चढ़ाव की स्थिति पर निर्भर करता है। म्यूच्यूअल फंड पर कितना Return मिलता है, यह mutual fund कंपनी के मैनेजर पर भी निर्भर करता है कि वह आपके पैसे को किस प्रकार के स्टॉक्स और फंड में Invest कर रहा है, ज्यादातर म्यूचुअल फंड के Return को वर्ष के अंत में कैलकुलेट किया जाता है. Return का Rate इक्विटी फंड, डेब्ट फंड, हाइब्रिड फंड, इत्यादि सभी में अलग अलग हो सकता है. लेकिन यदि आप 15% तक का म्यूचुअल फंड्स Return पाना चाहते हैं तो फ्लेक्सी कैप फंड या मल्टीकैप फंड्स मे अपने पैसे Invest कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में कितना पैसा लगा सकते हैं?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कोई मिनिमम या मैक्सिमम investment लिमिट नहीं होता है, मुचल फंड में कितना पैसा लगाना है यह बात invester पर डिपेंड करता है, म्यूचल फंड में investment की शुरुआत आप 500 रुपये या 1,000 रुपये, से कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड investment की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें पैसे invest करने के लिए आप SIP (Systematic Investment Plan) की मदद से हर महीने छोटे-छोटे अमाउंट में भी पैसे invest कर सकते हैं.
क्या मैं म्यूचुअल फंड में 100 रुपये निवेश कर सकता हूं?
जी हाँ, आप म्यूचुअल फंड में 100 रुपये से भी अपनी investment शुरू कर सकते हैं। कुछ म्यूचुअल फंड कंपनी आपको कम से अमाउंट मे म्यूच्यूअल फंड लेने की सुविधा देता है. लेकिन ध्यान रखें कि 100 रुपये का investment से शायद आपको बहुत कम Return मिले जिसमें से आपको टैक्स और कमीशन भी देना होता है. यदि आप 100 रुपये के साथ निवेश करना चाहते हैं, तो आपको निवेश करने के लिए कुछ छोटे-मोटे म्यूचुअल फंड आसानी से खरीद सकते हैं
म्यूचुअल फंड में नुकसान कब होता है?
म्यूचुअल फंड investment में आमतौर पर आपके पैसे शेयरों, बॉन्डों, डिवेंचर को खरीदने के लिए किया जाता है, और अक्सर इन Assets के मूल्य में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है जिसके कारण म्यूचुअल फंड में नुकसान हो सकता है। इसलिए अगर Share Market अपने peak से 20% नीचे आए तो लार्ज कैप से मिड कैप में Switch कर जाना चाहिए.
क्या मैं म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये निवेश कर सकता हूं?
हाँ, आप म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये जैसी छोटी Amount Invest कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड Investर्स को अलग-अलग प्रकार के investment amount के लिए अलग-अलग Option दिए जाते हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी मंथली इनकम के अनुसार निवेश कर सकता है, अगर आप चाहे तो 1000 रुपए की SIP (SIP) भी खरीद सकते हैं जिसमें आपको हर महीने ₹1000 म्यूच्यूअल फंड में Invest करने होंगे, investment का यह तरीका आपको करोड़पति बना सकता है
टॉप 5 म्यूचुअल फंड कंपनी कौन से हैं?
निम्नलिखित हैं कुछ भारतीय म्यूचुअल फंड कंपनियां जो भारतीय बाजार में प्रमुख हैं:
1. HDFC Asset Management Company Ltd. (HDFC AMC)
2. ICICI Prudential Asset Management Company Ltd.
3. SBI Funds Management Pvt. Ltd.
4. Aditya Birla Sun Life Asset Management Company Ltd.
5. Reliance Nippon Life Asset Management Ltd.
यदि आप एक भारतीय हैं तो आप अपने पैसे को इन top 5 mutual fund कंपनी में Invest कर सकते हैं, यह सभी AMC कंपनियां अलग-अलग प्रकार के Investर्स के लिए अलग-अलग प्रकार के फंड प्रदान करती है.