यदि आप किसी भी व्यक्ति को पेमेंट करने के लिए चेक का उपयोग करते हैं तो आपने PPS यानी Positive Pay System का नाम जरूर सुना होगा, आरबीआई के द्वारा जारी की गई इस बैंकिंग सिस्टम का उपयोग करके आप अपने चेक पेमेंट के साथ होने वाले Fraud को रोक सकते हैं. आरबीआई ने अगस्त 2020 से ही पॉजिटिव के सिस्टम की शुरुआत करके सभी बैंकों को या गाइडलाइन जारी किया कि अब जितने भी चेक के द्वारा पेमेंट होंगे वह सभी PPS से होकर गुजारे जाएंगे.
अगर आप PPS से जुड़ी और भी जानकारी जानना चाहते हैं तो आपको यह पोस्ट जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम बैंकिंग चेक में PPS क्या होता है और PPS Full Form in Banking Check के बारे में विस्तार से जानेंगे
पी पी एस का फुल फॉर्म क्या होता है | PPS Ka Full Form kya hota hai
पीपीएस का फुल फॉर्म Positive Pay System होता है, यह आरबीआई के द्वारा चेक Fraud को रोकने के लिए एक प्रणाली है जिसके अंतर्गत चेक के द्वारा ग्राहकों को एक निश्चित राशि से अधिक भुगतान करने पर बैंक को अपने और अपने खाते से संबंधित पूरी जानकारी देनी होगी जिसमें आपको एकाउंट नंबर, चेक नंबर, तारीख जारी, राशि और भुगतान लेने वाले व्यक्ति का नाम की जानकारी बैंक को प्रोवाइड करनी होगी,
आसान भाषा में कहें तो, पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) एक Automated Fraud Detection Tool है, जिसकी मदद से चेक Fraud को आसानी से रोका जा सकता है. RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस Cheque Truncation System (CTS) के लिए अगस्त 2020 में पॉजिटिव पे प्रणाली (Positive Pay System) की घोषणा की थी, जिसके बाद चेक Fraud में काफी कमी देखने को मिली.
आरबीआई द्वारा जारी किए गए Positive pay System के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति अपने किसी ग्राहक को ₹50000 से अधिक का चेक Issue करता है तो उसे इस बात की जानकारी पहले Bank को देनी होगी, और ऐसा नहीं करने पर Bank उस चेक (Cheque) को रिजेक्ट कर देगा. और इस प्रकार चेक पूरी तरह से सही होने पर भी Bank के द्वारा चेक (Cheque) का भुगतान लाभार्थी को नहीं किया जाएगा, यानी चेक के द्वारा 50,000 से अधिक की राशि का भुगतान करने से पहले आपको Bank से परमिशन लेना होगा तभी आप किसी लाभार्थी को ₹50000 से अधिक का चेक Issue कर सकते हैं.
Positive Pay System के अंतर्गत बैंक को क्या सूचनाएं देनी होगी
चेक Fraud को रोकने के लिए इस प्रणाली को National Payments Corporation of India -NPCI के द्वारा विकसित किया गया है, जिसके अंतर्गत आपको उस व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी Bank को देनी होगी जिसे आप ₹50000 से ज्यादा का चेक इशू करने वाले हैं. इसके अंतर्गत आपको लाभार्थी के बारे में Bank को निम्नलिखित सूचनाएं देनी होगी जैसे-
- लाभार्थी का नाम (Name Of Beneficiary)
- खाता नंबर (Account Number)
- चेक नंबर (Cheque Number)
- चेक की तारीख (Date Of Cheque)
- भुगतान की धनराशि (Amount Of Cheque)
- Cheque के दोनों Side की फोटो कॉपी
आपके द्वारा Bank को दी जाने वाली इस जानकारी को Bank के सिस्टम में अपलोड अपलोड कर दी जाएगी, और जिस लाभार्थी को आपके द्वारा यह चेक प्राप्त होगा, और जब हम Bank में पैसे प्राप्त करने आएगा तो Bankिंग सिस्टम ऑटोमेटिक उस चेक को वेरीफाई कर लेगी, यदि चेक Bankिंग सिस्टम से वेरीफाइड हो जाता है तो Bank के द्वारा लाभार्थी को पैसे दे दिए जाते हैं.
पॉजिटिव पे प्रणाली के लाभ | Benefits of Positive Pay System in hindi
बैंकों द्वारा PPS को अपनाने से पहले लोगों के खातों से चेक के द्वारा लाखों रुपए उड़ा लिया जाता था और इसे रोकने के लिए आरबीआई ने कई सारे कड़े कदम उठाएं जिसके बाद हमें पॉजिटिव पे प्रणाली के कई सारे लाभ देखने को मिला जैसे
- Positive Pay System के द्वारा जाली एवं नकली चेकों से धोखा-धड़ी को आसानी से रोका जा सकता है
- चेक (Cheque) खो जाने की स्थिति में किसी भी हालत में बैंक पैसे नहीं दे सकता है
- चेक (Cheque) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के समय में बचत होगी।
- चेक (Cheque) क्लीयरिंग पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और फास्ट हो चुका है
- चेक (Cheque) फिर भुगतान करने वाला और भुगतान पाने वाला दोनों का डिटेल बैंक के पास सुरक्षित होता है
आज के समय में लगभग सभी भारतीय Bank CTS यानी Cheque Truncation System के जरिए चेक के साथ क्रॉसचेक करके ही चेक का भुगतान करते हैं ऐसा करके न सिर्फ में Bank बल्कि भुगतान पाने वाला और भुगतान करने वाला दोनों के लिए यह एक आसान सुविधा है.
हमें उम्मीद है कि PPS full form in banking से जुड़े यह हिंदी पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा, यदि इस पोस्ट को अपने ध्यान से पढ़ा होगा तो आपको पॉजिटिव पे सिस्टम क्या होता है (What is Positive Pay System in hindi) के बारे में काफी कुछ जानने और सीखने को मिला होगा इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद